Why We celebrate new year

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#Kuchinteresting fact Aout 01 january साल 2020 ख़त्म होने को आया है और नया साल 2021 की शुरुआत होने वाली है ! Why We celebrate new year

वैसे तो पूरी दुनिया में 1 जनवरी को ही नया साल (New Year) मनाया जाता है लेकिन भारत में हिंदू कैलंडर के हिसाब से गुड़ी पड़वा के दिन साल का पहला दिन होता है, और लोग इसे भी नए साल के जश्न की तरह ही मनाते है. वैसे तो गुड़ी पड़वा के दिन नया साल #Newyear मनाने का अपना धार्मिक महत्त्व है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि 1 जनवरी को ही क्यों पूरे विश्व में नए साल #Newyear का जश्न मनाया जाता है.

जानते है कि आखिर क्यों 1 जनवरी को ही मनाया जाता है नया साल. | janiye Aakhir kyo manaya jata hai New year.

#2021 New year Interesting fact : 1 जनवरी को नया साल मनाने के पीछे कई कारण और मान्यताएं है. ऐसा माना जाता है कि जनवरी महीने का नाम रोमन #Roman के देवता ‘जानूस’ #Janoos के नाम पर रखा गया था. मान्यताओं के अनुसार जानूस दो मुख वाले देवता थे जिसमे एक मुख आगे की ओर वहीं दूसरा पीछे की ओर था. कहा जाता है कि दो मुख होने की वजह से जानूस को बीते हुए कल और आने वाले कल के बारे में पता रहता था. इसलिए देवता जानूस #Janoos के नाम पर जनवरी को साल का पहला दिन माना गया और 1 जनवरी को साल की शुरुआत मानी गई. इसलिए 1 जनवरी को नए साल #HappyNewYear का जश्न मनाया जाता है.

Interesting fact About New year

यूरोप और दुनिया के अधिकतर देशों में नया साल 1 जनवरी से शुरू माना जाता है. लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था. और अभी भी दुनिया के सारे देशों में 1 जनवरी से नए साल की शुरुआत नहीं मानी जाती है. 500 साल पहले तक अधिकतर ईसाई बाहुल्य देशों में 25 मार्च और 25 दिसंबर को नया साल मनाया जाता है. 1 जनवरी से नया साल मनाने की शुरुआत पहली बार 45 ईसा पूर्व रोमन राजा जूलियस सीजर ने की थी. रोमन साम्राज्य में कैलेंडर का चलन रहा था.

पृथ्वी और सूर्य की गणना के आधार पर रोमन राजा नूमा पोंपिलुस ( Nooma popilus) ने एक नया कैलेंडर लागू किया. यह कैलेंडर 10 महीने (10 Month ) का था क्योंकि तब एक साल को लगभग 310 दिनों का माना जाता था. तब एक सप्ताह भी आठ दिनों का माना जाता था. नूमा ने मार्च की जगह जनवरी को साल #Year का पहला महीना माना. जनवरी नाम रोमन #Roman देवता जैनुस के नाम पर है. #kuchinteresting जैनुस रोमन साम्राज्य में शुरुआत का देवता माना जाता था जिसके दो मुंह हुआ करते थे. आगे वाले मुंह को आगे की शुरुआत और पीछे वाले मुंह को पीछे का अंत माना जाता था. मार्च को पहला महीना रोमन #Roman देवता मार्स के नाम पर माना गया था. लेकिन मार्स युद्ध का देवता था. नूमा #Nooma ने युद्ध की जगह शुरुआत के देवता के महीने (Month) से साल की शुरुआत करने की योजना की. हालांकि 153 ईसा पूर्व तक 1 जनवरी को आधिकारिक रूप से नए साल का पहला दिन घोषित नहीं किया गया. Interesting fact about new yaer

happy New Year Interesting Fact

46 ईसा पूर्व रोम के शासक जूलियस सीजर ने नई गणनाओं के आधार पर एक नया कैलेंडर जारी किया. इस कैलेंडर में 12 महीने थे. जूलियस सीजर #jooliyasSizar ने खगोलविदों के साथ गणना कर पाया कि पृथ्वी को सूर्य के चक्कर लगाने में 365 दिन और छह घंटे लगते हैं. इसलिए सीजर ने रोमन कैलेंडर को 310 से बढ़ाकर 365 दिन (365 Day’s) का कर दिया. साथ ही सीजर ने हर चार साल बाद फरवरी के महीने को 29 दिन का किया जिससे हर चार साल में बढ़ने वाला एक दिन भी एडजस्ट हो सके. Why We celebrate new year

#Newyearinterestingfact साल 45 ईसा पूर्व की शरुआत 1 जनवरी से की गई. साल 44 ईसा पूर्व में जूलियस सीजर की हत्या कर दी गई. उनके सम्मान में साल के सातवें महीने (7th Month) क्विनटिलिस का नाम जुलाई कर दिया गया. ऐसी ही आठवें महीने का नाम सेक्सटिलिस का नाम अगस्त कर दिया गया. 10 महीने वाले साल में अगस्त छठवां महीना होता था. रोमन साम्राज्य जहां तक फैला हुआ था वहां नया साल एक जनवरी से माना जाने लगा. इस कैलेंडर का नाम जूलियन कैलेंडर था.Why We celebrate new year

भारत में गुडी पड़वा के दिन नए साल का जश्न

पांचवी शताब्दी आते आते रोमन साम्राज्य का पतन हो गया था. यूं तो 1453 में ओटोमन साम्राज्य द्वारा पूरे साम्राज्य के राज को खत्म करने तक रोमन #Roman साम्राज्य चलता रहा लेकिन पांचवी शताब्दी तक रोमन #Roman साम्राज्य बेहद सीमित हो गया. रोमन साम्राज्य जितना सीमित हुआ ईसाई धर्म का प्रसार उतना बढ़ता गया. ईसाई धर्म के लोग 25 मार्च या 25 दिसंबर से अपना नया साल मनाना चाहते थे.

ईसाई मान्यताओं के अनुसार 25 मार्च को एक विशेष दूत गैबरियल ने ईसा मसीह की मां मैरी को संदेश दिया था कि उन्हें ईश्वर के अवतार ईसा मसीह को जन्म देना है. 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म हुआ था. इसलिए ईसाई लोग इन दो तारीखों में से किसी दिन नया साल मनाना चाहते थे. 25 दिसंबर को क्रिसमस #ChristmasCelebration मनाया जाता है इसलिए अधिकतर का मत 25 मार्च को नया साल मनाने का था. Why We celebrate new year

1580 के दशक में ग्रेगरी #Gregary 13वें ने एक ज्योतिषी एलाय सियस लिलियस के साथ एक नए कैलेंडर पर काम करना शुरू किया. इस कैलेंडर के लिए साल 1582 की गणनाएं की गईं. इसके लिए आधार 325 ईस्वी में हुए नाइस धर्म सम्मेलन के समय की गणना की गई. इससे पता चला कि 1582 और 325 में 10 दिन का अंतर आ चुका था. ग्रेगरी #gragry और लिलियस ने 1582 के कैलेंडर में 10 दिन बढ़ा दिए. साल 1582 में 5 अक्टूबर से सीधे 15 अक्टूबर की तारीख रखी गई.

लीप ईयर

साथ ही लीप ईयर #LipYear के लिए नियम बदला गया. अब लीप ईयर उन्हें कहा जाएगा जिनमें 4 या 400 (Devided by 4 or 400 is called Lip Year ) से भाग दिया जा सकता है. सामान्य सालों में 4 का भाग जाना आवश्यक है. वहीं शताब्दी वर्ष में 4 और 400 दोनों का भाग जाना आवश्यक है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लीप ईयर का एक दिन पूरा एक दिन नहीं होता है. उसमें 24 घंटे से लगभग 46 मिनट कम होते हैं. जिससे 300 साल तक हर शताब्दी वर्ष में एक बार लीप ईयर ना मने और समय लगभग बराबर रहे. लेकिन 400वें साल में लीप ईयर #LipYear आता है और गणना ठीक बनी रहती है. जैसे साल 1900 में 400 का भाग नहीं जाता इसलिए वो 4 से विभाजित होने के बावजूद लीप ईयर नहीं था. जबकि साल 2000 लीप ईयर था. इस कैलेंडर का नाम ग्रेगोरियन कैलेंडर है. इस कैलेंडर #Calendar में नए साल की शुरुआत 1 जनवरी #01january New Year से होती है. इसलिए नया साल #Newyear 1 जनवरी से मनाया जाने लगा है.Why We celebrate new year

भारत ने भी इस कैलेंडर को 1752 में ही अपनाया

सन 1752 में भारत पर भी ब्रिटेन का राज था. इसलिए भारत ने भी इस कैलेंडर को 1752 में ही अपनाया था. ग्रेगोरियन कैलेंडर को अंग्रेजी कैलेंडर (English Calendar) भी कहा जाता है. हालांकि अंग्रेजों ने ग्रेगोरियन कैलेंडर को 150 सालों से भी ज्यादा समय तक अपनाया नहीं था. भारत में लगभग हर राज्य का अपना एक नया साल होता है. मराठी गुडी पड़वा पर तो गुजराती दीवाली पर नया साल मनाते हैं. हिंदू कैलेंडर में चैत्र महीने की पहली तारीख यानि चैत्र प्रतिपदा को नया साल मनाया जाता है. ये मार्च के आखिर या अप्रैल की शुरुआत में होती है. इथोपिया में सितंबर में नया साल मनाया जाता है. चीन में अपने कैलेंडर के हिसाब से भी अलग दिन नया साल मनाया जाता है.

#Interestingfact वहीं 1 जनवरी #01jan को नए साल मनाने का तार्किक कारण ये भी है कि 31 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन होता है, और उसके बाद आने वाले दिन लम्बे होते है. इसलिए 1 जनवरी को साल का पहला दिन माना जाता है और इसे ही साल की शुरुआत भी मानी जाती है. वहीं बात अगर दुनिया में सबसे पहले न्यू ईयर सेलिब्रेशन (New Year Celebration) की करें तो ये 23 मार्च 2000 बीसी को मनाया गया था. हालाँकि ये जरुरी नहीं है कि दुनिया के सभी देशों में 1 जनवरी को ही नया साल मनाया जाता हो इजिप्ट और पर्सिया जैसे देशों में 20 सितम्बर को नया साल मनाया जाता है जबकि ग्रीक जैसे देश में 20 दिसंबर को नए साल का जश्न मनाने का रिवाज़ है.Why We celebrate new year

Hindu New Year

वहीं भारत में गुडी पड़वा के दिन नए साल का जश्न मनाया जाता है. (Gudhi Padwa is a spring-time festival that marks the traditional new year for Marathi and Konkani Hindus. It is celebrated in and near Maharashtra and Goa on the first day of the Chaitra month to mark the beginning of the New year according to the lunisolar Hindu calendar.}

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